भारत उत्कर्ष महायज्ञ

यज्ञेन राष्ट्रोत्कर्षः, यज्ञेन विश्वकल्याणम्।यत्र यज्ञः, तत्र जीवनोत्कर्षः

जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री सतीशाचार्य जी
महाराज के पावन सान्निध्य में

सनातन धर्म, वेद-शास्त्र, योग, ध्यान और गौसेवा के वैश्विक दूत

तिथि:

30/9/2025

स्थान:

एड्रेस ऑफ़ यज्ञ

सनातन भारतीय परंपरा में यज्ञ केवल अग्नि में आहुति भरना मात्र नहीं, बल्कि ब्रह्मांड के कल्याण का महान संकल्प है। जब-जब इस भारतभूमि को आवश्यकता पड़ी तब-तब यज्ञ की पवित्र ज्वाला ने समाज को नयी ऊर्जा, नयी दिशा और नये जीवनमूल्य प्रदान किए।

पूर्व काल में राष्ट्र की शक्ति में वृद्धि हेतु अश्वमेध यज्ञ का आयोजन शास्त्र बताते हैं, राजाओं को चक्रवर्ती उपाधि हेतु राजसूय यज्ञ, पुत्र प्राप्ति हेतु पुत्रकामेष्टि यज्ञ आदि विविध प्रकार के यज्ञों द्वारा अभीष्ट की प्राप्ति संभव है।

यहाँ तक कि जब देवताओं ने भी ईश्वर की उपासना की तब उन्होंने भी यज्ञ का चयन किया।

“यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवाः”

– ऋग्वेद (10.90.16)

(देवताओं ने भी यज्ञ के माध्यम से ही यज्ञदेव का पूजन किया।)

 

परम पूज्य जगद्गुरु रामानंदाचार्य, प्रेमेश्वर पीठाधीश्वर स्वामी श्री सतीशाचार्य जी महाराज एक विशिष्ट संत, शिक्षाविद् और समाज सुधारक हैं। वैदिक ज्ञान, गौ-रक्षा, आयुर्वेद, ध्यान, योग और आध्यात्मिक शिक्षा में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए वे विख्यात हैं।

महाकुंभ 2025 में तीन प्रमुख अखाड़ों द्वारा उन्हें सर्वसम्मति से “जगद्गुरु रामानंदाचार्य” की उपाधि से विभूषित किया गया — यह सम्मान 144 वर्षों में पहली बार किसी विमुक्त पीठ को प्राप्त हुआ।

वे महर्षि रामायण विश्वविद्यालय (अयोध्या) के संरक्षक, संस्कृत विश्वविद्यालय (मथुरा) के प्रो-चांसलर और महर्षि ग्लोबल स्कूल सहित 400 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों के प्रेरक हैं।

उनके गुरुदेव महर्षि जी के आशीर्वाद और नेतृत्व में 2 लाख से अधिक वेदपाठी ब्राह्मणों को शिक्षित किया गया है, 100 से अधिक गौशालाओं के माध्यम से गौ-सेवा की जा रही है, 1,700+ ध्यान केंद्र स्थापित किए गए हैं और 47 से अधिक आध्यात्मिक ग्रंथों का पुनर्लेखन किया गया है।

उनका जीवन-मिशन सनातन धर्म, वैदिक शिक्षा और पारंपरिक हिंदू संस्कृति का पुनरुत्थान है, जिसे वे टेलीविजन, सोशल मीडिया, ध्यान सत्रों, गौ-सेवा और रामायण विश्वविद्यालय की स्थापना के माध्यम से आगे बढ़ा रहे हैं।

प्रस्तावना

"यज्ञो वै श्रेष्ठतमं कर्म"

– ऋग्वेद
(यज्ञ ही मानव का सर्वोत्तम कर्तव्य है।)

भारत उत्कर्ष महायज्ञ के उद्देश्य

वैश्विक शांति और सद्भाव का संदेश।

प्रत्येक भारतीय का स्वास्थ्य, शिक्षा और उन्नति।

भारतभूमि की संपूर्ण समृद्धि और आत्मनिर्भरता।

भारतीय संस्कृति और वैदिक परंपरा का पुनर्जागरण।

पर्यावरण शुद्धि एवं प्रकृति संरक्षण का संकल्प।

सामूहिक संकल्प के माध्यम से विश्व को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करना।

यह महायज्ञ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि राष्ट्रोत्थान, मानवता के कल्याण और विश्व के मंगल का महाअभियान है।

आयोजन की विशेषताएँ

अब तक का सबसे बड़ा महायज्ञ

राष्ट्रोन्नयन हेतु अखिल विश्व में प्रथम बार इतने विराट यज्ञ आयोजन

विद्वान आचार्यों द्वारा अनुष्ठान

महार्षि महेश योगी संस्थान से शिक्षा प्राप्त विद्वान आचार्यों द्वारा यज्ञ सम्पन्न होगा

सांस्कृतिक एकता का दर्शन

देश के सभी राज्यों की झाँकियाँ — कला, नृत्य, संगीत और वेशभूषा का संगम

राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता

बड़े राजनेता, प्रतिष्ठित व्यक्तित्व, संत-महात्मा और समाजसेवी इस आयोजन में शामिल होंगे

विश्व को संदेश

'यज्ञ से शांति, यज्ञ से प्रगति, यज्ञ से समृद्धि' इस संकल्प का विश्व में सम्प्रेषण

एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव की तैयारी करें

विशेष अतिथि एवं प्रतिभागी

संत-महात्मा एवं जगद्गुरु

आध्यात्मिक गुरु और धर्माचार्य

राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय राजनेता

देश-विदेश के प्रतिष्ठित नेता

सेलिब्रिटी एवं कलाकार

प्रसिद्ध व्यक्तित्व और कलाकार

शिक्षाविद एवं समाजसेवी

शिक्षा जगत के दिग्गज और समाज सेवक

विश्व को संदेश

देशभर के श्रद्धालु एवं यजमान

सभी वर्गों के लोगों का स्वागत है। यह महायज्ञ एकता, भाईचारे और सामूहिक कल्याण का प्रतीक है।

विशेष अतिथि एवं प्रतिभागी

विशाल यज्ञशाला

हजारों श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थित आसन।

सांस्कृतिक प्रदर्शनी

हर राज्य का स्टॉल एवं झाँकी।

प्रसाद एवं भोजन व्यवस्था

सभी के लिए सत्कार भोजन।

कल्पवास

श्रद्धालुओं के ठहरने हेतु टेंट सिटी कुटिया का प्रबंध।

स्वयंसेवक दल

श्रद्धालुओं की सेवा हेतु तत्पर।

आमंत्रण / आह्वान

"यह केवल यज्ञ नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का पुनर्जागरण है।"

अतः आप सभी श्रद्धालुओं, साधकों और भारतवासियों से विनम्र आग्रह है कि इस ऐतिहासिक आयोजन का अंग बनें और अपने जीवन को यज्ञमय और संकल्पमय बनाएँ।

स्थान:

एड्रेस ऑफ़ यज्ञ

तिथि:

एड्रेस ऑफ़ यज्ञ

समय:

एड्रेस ऑफ़ यज्ञ

आइए, मिलकर इस पवित्र यज्ञ में भाग लें 

हमसे जुड़ें - अपनी आहुति दें

धर्म की रक्षा हेतु हो रहे गौ प्रतिष्ठा महायज्ञ में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।आपके नाम, गोत्र और संकल्प के साथ दी गई आहुति पीढ़ियों तक पुण्यफल प्रदान करेगी।